आरती साईं बाबा की (sai baba arti)

आरती उतारे हम तुम्हारी साईँ बाबा । चरणों के तेरे हम पुजारी साईँ बाबा ॥ विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो l तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो...

Tuesday 20 September 2016

दुःख की घड़ी...उसे डरा नही सकती...कोई ताकत उसे...हरा नही सकता और जिस पर हो जाये...तेरी मेहर मेरे साँईयां...फिर ये दुनियाँ उसे...मिटा नहीं सकती...!!
                                                             🙏🌹🌹ऊँ साईं राम 🌹🌹🙏
"रात भर गहरी नींद आना
            इतना आसान नहीं...🙏🏻🎋

             उसके लिए दिन भर
                 "ईमानदारी"
             से जीना पड़ता हैं....!!

    ☝🏻☝🏻☝🏻 ॐ साई राम☝🏻☝🏻☝🏻
दिल ही दिल में नाम की
           बरसात हो जायगी।
           अन्तरमन से देखो
          सतगुरु से बात हो जायेगी।
           शिकवा ना करना
           सतगुरु से  मिलने का.....
           बस आंखे बंद करना
           सतगुरु से
           मुलाकात हो जायगी।

Saturday 2 April 2016

शुकर करने की दात दो। कभी शिकायत ना करे।

शुकराना

रूप सिंह बाबा ने अपने गुरु अंगद देव जी की बहुत सेवा की ।
20 साल सेवा करते हुए बीत गए। गुरु रूप सिंह जी पर प्रसन्न हुए और कहा मांगो जो माँगना है। रूप सिंह जी बोले गुरुदेव मुझे तो मांगने ही नहीं आता। गुरु के बहुत कहने पर रूप सिंह जी बोले मुझे एक दिन का वक़्त दो घरवाले से पूछ के कल बताता हूं।
घर जाकर माँ से पूछा तो माँ बोली जमीन माँग ले। मन नहीं माना।
बीवी से पुछा तो बोली इतनी गरीबी है पैसे मांग लो। फिर भी मन नहीं माना।

छोटी बिटिया थी उनको उसने बोला पिताजी गुरु ने जब कहा है कि मांगो तो कोई छोटी मोटी चीज़ न मांग लेना। इतनी छोटी बेटी की बात सुन के रूप सिंह जी बोले कल तू ही साथ चल गुरु से तू ही मांग लेना ।

अगले दिन दोनो गुरु के पास गए। रूप सिंह जी बोले गुरुदेव मेरी बेटी आपसे मांगेगी मेरी जगह।
वो नन्ही बेटी बहुत समझदार थी। रूप सिंह जी इतने गरीब थे के घर के सारे लोग दिन में एक वक़्त का खाना ही खाते।इतनी तकलीफ होने के बावजूद भी उस नन्ही बेटी ने गुरु से कहा:

गुरुदेव मुझे कुछ नहीं चाहिए।आप के हम लोगो पे बहुत एहसान है।
आपकी बड़ी रहमत है। बस मुझे एक ही बात चाहिए कि "आज हम दिन में एक बार ही खाना खाते हैं। अगर कभी आगे एेसा वक़्त आये के हमे चार पांच दिन में भी एक बार खाए तब भी हमारे मुख से

           शुक्राना ही निकले।

कभी शिकायत ना करे।
     
शुकर करने की दात दो।

इस बात से गुरु इतने प्रसन्न हुए के बोले जा बेटा अब तेरे घर के भंडार सदा भरे रहेंगे। तू क्या तेरे घर पे जो आएगा वोह भी खाली हाथ नहीं जाएगा।

तो यह है शुकर करने का फल।
             सदा शुकर करते रहे
             सुख में सिमरन
             दुःख में अरदास
             हर वेले शुकराना
             सुख मे शुकराना
             दुःख मे भी शुकराना
  हर वेले हर समय हर वक्त सिर्फ
    शुकराना  शुकराना  शुकराना
सेवा, सिमरन, सतसंग करके, तेरा शुक्र मनाना आ जाये।
जिंदगी ऐसी करदो मेरी , औकात में रहना आजाये।।
अगर पूछे कोई राज खुशी का तो तेरी तरफ इशारा करू,
खुशियों से भरदो झोली सबकी ,
हर दुख सहना आ जाये ।
यही प्रार्थना तुझसे सतगुरु , तेरी रजा में रहना आ जाये।।।

तेरे नाम की साईं मैं अलख जगाता रहूँ..

तेरे नाम की साईं मैं अलख जगाता रहूँ..
जब तक मेरी साँस चले मैं भजन सुनाता रहूँ 🎻
जब तक ये दूनियाँ रहे तेरा कीर्तन होता रहे
कीर्तन में ज्योत जगे और दीवाना शीश नवाता रहे..

श्री सच्चिदानंद साईं नाथ महाराज के चरणकमलों में हमारा बार बार नमस्कार

तेरी रहमत का असर,दुआओं मे पाया है
आई जब भी मुसीबत,तूने ही साथ निभाया है,
कैसे कह दूँ के"मालिक''के तेरा और मेरा कोई रिश्ता नही
गिरा मेरा जब भी अश्क,इसमे तेरा ही चेहरा नज़र आया है


Friday 1 April 2016

सरस्वती माँ आरती (Saraswati Maa Aarti)

Saraswati Maa Aarti
English Translation

Jay Saraswati Mātā, Maiyā Jay Saraswati Mātā l Sadgun Vaibhav Shālini, Tribhuvan Vikhyāta ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Chndravadani Padmāsani Dyuti Mangalkārī l Sohe Shubh Hans Savārī, Atul Tejdhārī ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Bāye Kar Mein Vīna, Dāye Kar Mālā l Shīsh Mukut Mani Sohe, Gal Motiyan Mālā ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Devi Sharan Āye, Unkār Uddhār Kiyā l Paithi Mantharā Dāsī, Rāvan Sanhār Kiyā ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Vidyā Gyān Pradāyini, Gyān Prakāsh Bharo l Moh, Agyān Aur Timir Kā, Jag Se Nāsh Karo ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Dhūp Dīp Phal Mevā, Mā Svīkār Karo l Gyān Chakshu De Mātā, Jag Nistār Karo ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l
Mā Saraswati Kī Ārati, Jo Koī Jan Gāve l Hitkārī Sukhkārī, Gyān Pāve ll
Om Jay Saraswati Mātā,Maiyā Jay Saraswati Mātā l

सरस्वती माँ  आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सद्दग़ुण वैभव शालिनि, त्रिभुवन विख्याता ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
चंद्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया । पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो । मोह,अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो । ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।
मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे । हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥
ॐ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता । 

श्री राम आरती ( Shri Ram Aarti )

Shri Ram Aarti
English Translation
Aarti Kije Shri Ramchandra Ki l
Dushtdalan Sitapati Ji Ki ll
Pahali Aarti Pushpan Ki Maala l
Kaali Naag Naath Laaye Gopala ll
Dusari Aarti Devaki Nandan l
Bhakt Ubaaran Kans Nikandan ll
Tisari Aarti Tribhuvan Mohe l
Ratna Sinhaasan Sita Ram Ji Sohe ll
Chauthi Aarti Chahu Yug Puja l
Dev Niranjan Svaami Aur Na Duja ll
Paanchavi Aarti Ram Ko Bhaave l
Ramji Kaa Yash Namadevaji Gave ll

श्री राम आरती
आरती कीजे श्री रामचंद्र की ।
दुष्टदलन सीतापति जी की ॥
पहली आरती पुष्पन की माला l
काली नाग नाथ लाए गोपाला ॥
दूसरी आरती देवकी नंदन l
भक्त उबारन कंस निकंदन ॥
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे l
रत्न सिंहासन सीता राम जी सोहे ॥
चौथी आरती चहुं युग पूजा l
देव निरंजन स्वामी और न दूजा ॥
पांचवीं आरती राम को भावे l
रामजी का यश नामदेवजी गावें ॥

श्री संतोषी माता आरती (Santoshi Mata Aarti)

Santoshi Mata Aarti
English Translation
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l Apane Sevak Jan Ko,Sukh Sampati Data ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Sundar Chir Sunahari Ma Dharan Kinho l Hira Panna Damake,Tan Shringar Linho ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Geru Laal Chata Chavi,Badan Kamal Sohe l Mand Hansat Karunamayi Tribhuvan Jan Mohe ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Svarn Sinhasan Baithi,Chanvar Dhure Pyare l Dhup,Dip,Madhumeva,Bhog Dhare Nyare ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Gud Aur Chana Paramapriy,Tame Santosh Kiyo l Santoshi Kahalai,Bhaktan Vaibhav Diyo ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Shukravar Priy Manat,Aj Divas Sohi l Bhakt Mandali Chai,Katha Sunat Mohi ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Vinay Jagamag Jyoti, Mangal Dhvani Chai l Vinay Kare Ham Baalak, Charanan Sir Nai ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Bhakti Bhavamay Puja, Angikrut Kijai l Jo Man Base Hamare,Ichha Fal Dijai ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Dukhi, Daridri, Rogi, Sankatamukt Kie l Bahu Dhan-Dhany Bhare Ghar, Sukh Saubhagy Diye ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Dhyan Dharyo Jis Jan Ne, Manavanchit Fal Payo l Puja Katha Shravan Kar, Ghar Aanand Ayo ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Sharan Gahe Ki Lajja, Rakhiyo Jagadambe l Sankat Tu Hi Nivare, Dayamayi Ambe ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l
Santoshi Ma Ki Arati Jo Koi Nar Gaave l Riddhi-Siddhi Sukh Sampati, Ji Bharakar Pave ll
Jay Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata l

श्री संतोषी माता आरती
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे । मंद हँसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे । धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो। संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही । भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई । विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै । जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए । बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो । पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे । संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।
जय संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे । ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे ll
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।

शनिदेव आरती (Shani Dev Aarti)

Shani Dev Aarti
English Translation
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l Sooraj Ke Putra Prabhu Chaaya Mahataari ll
Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Shyaam Ank Vakra Drasht Chaturbhujaa Dhaari l Nilaambar Dhaar Naath Gaj Ki Asavaari ll
Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Kirit Mukut Shish Sahaj Dipat Hai Lilaari l Muktan Ki Maal Gale Shobhit Balihaari ll
Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Modak Mishtaan Paan Chadhat Hai Supaari l Lohaa Til Tel Udad Mahishi Ati Pyaari ll
Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Dev Danuj Rishi Muni Surat Nar Naari l Vishvanaath Dharat Dhyaan Sharan Hai Tumhaari ll
Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l

शनिदेव आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नालाम्बर धार नाथ गज की अवसारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी । मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी । लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
दे दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी । विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।